मकोय (Makoy) के आयुर्वेदिक प्रयोग
  मकोय (Makoy) के आयुर्वेदिक प्रयोग  1. परिचय  संस्कृत नाम : क्षुद्रांगी, क्षुद्रपर्णी, तुंडीका  वैज्ञानिक नाम : Solanum nigrum  परिवार : Solanaceae (सोलनसी)  अन्य नाम :   हिंदी : मकोय, काकमाची  संस्कृत : काकमाची, क्षुद्रांगी  अंग्रेजी : Black Nightshade  मराठी : लुंड  गुजराती : काकमाची  तमिल : மணத்தக்காளி (Manathakkali)    2. आयुर्वेद में मकोय का महत्व  मकोय को आयुर्वेद में यकृत (लीवर) की बीमारियों, बुखार, पाचन विकार, त्वचा रोग और मूत्र रोगों  में बहुत उपयोगी माना जाता है। इसकी पत्तियां, फल, जड़ और पंचांग (पूरा पौधा)  औषधीय रूप से उपयोग किए जाते हैं।  गुण और कर्म (Pharmacological Properties)   रस (स्वाद) : तिक्त (कड़वा), कषाय (कसैला)  गुण (गुणधर्म) : लघु (हल्का), स्निग्ध (तैलीय)  वीर्य (ऊष्णता-शीतलता) : शीतल  विपाक (पाचन के बाद प्रभाव) : कटु (तीखा)  दोष प्रभाव : पित्त और वात शमन करने वाला, कफ बढ़ाने वाला    3. मकोय के आयुर्वेदिक उपयोग और लाभ  (1) यकृत (लीवर) रोगों में  👉 प्रयोग :   मकोय के पत्तों या पंचांग (पूरा पौधा) का रस  (10-15 ml) दिन में 2 बार लेने से पीलिया (Jaundice), फैट...
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